ज़िन्दगी तेरे दर पे Unknown 8:18 AM 1 टिप्पणियाँ A+ A- Print Email ज़िन्दगी तेरे दर पे बेज़ार से खड़े हम आज तो दीदार की कसक कम से कम पूरी कर दे कदम लड़खड़ाये से है होश भी गुम है अब तो झलक दिखला दे मुझे गुलज़ार कर दे लेबल: सुविचार 15Jan2017
Hi
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