चादर से पैर तभी बहार आते है, जब उसूलों से बड़े ख्वाब हो जाते Unknown 8:18 AM A+ A- Print Email चादर से पैर तभी बहार आते है, जब उसूलों से बड़े ख्वाब हो जाते लेबल: शायरी 15Jan2017
Post a Comment